जब भी हम ग्रीन एनर्जी की दुनिया में कदम रखते हैं, तो IREDA और Suzlon जैसी कंपनियों का जिक्र जरूर आता है। दोनों कंपनियां ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण काम कर रही हैं, लेकिन दोनों का फोकस और बिजनेस मॉडल एक-दूसरे से काफी अलग है। IREDA जहां हाइड्रोजन और सोलर एनर्जी जैसे विभिन्न ऊर्जा स्रोतों पर काम कर रही है, वहीं Suzlon का फोकस पूरी तरह से पवन ऊर्जा पर है। तो आइए, एक नजर डालते हैं कि ये दोनों कंपनियां कैसे अलग हैं और इनमें निवेश करने के फायदे और नुकसान क्या हैं।
IREDA Share
IREDA, यानी इंडियन रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी, का मकसद है ग्रीन एनर्जी के विभिन्न स्रोतों को बढ़ावा देना और उनके भंडारण पर ध्यान देना। IREDA ने 2030 तक 5 मिट्रिक टन हाइड्रोजन ऊर्जा के उत्पादन और उसके भंडारण का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, कंपनी बैटरी निर्माण, पंप स्टोरेज और ऊर्जा भंडारण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। एक अनुमान के मुताबिक, 2030 तक 400 गीगावाट एनर्जी के भंडारण की आवश्यकता होगी।
कंपनी को भारतीय शेयर बाजार में नवंबर 2023 में लिस्ट किया गया था, और तब से इसके शेयर ने रॉकेट की गति से रिटर्न दिए हैं। एक साल में ही IREDA ने अपने निवेशकों को 257% का दमदार रिटर्न दिया है, जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। Suzlon vs IREDA
Suzlon Energy Share
दूसरी तरफ, Suzlon Energy का पूरा ध्यान पवन ऊर्जा पर है। Suzlon, विंड टावर के लिए टर्बाइंस बनाने में विशेषज्ञता रखती है। हाल ही में, Suzlon को जूनिपर ग्रीन एनर्जी से 402 मेगावाट का एक बड़ा ऑर्डर मिला है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि Suzlon के शेयरों में आने वाले समय में और भी तेजी देखने को मिल सकती है।
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Suzlon Energy की शेयर बाजार में यात्रा 2005 से शुरू हुई थी, और शुरुआती दिनों में इसके शेयर की कीमत 160 रुपए थी। 2008 में यह 330 रुपए तक पहुंच गया, जो इसका अब तक का सबसे उच्चतम स्तर था। लेकिन इसके बाद कुछ सालों में इसमें गिरावट देखने को मिली और 2012-13 में इसका शेयर सिर्फ 10 रुपए के आसपास रह गया था। हालांकि, ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बढ़ती रुचि ने Suzlon को फिर से ऊपर उठाया और एक साल में ही इसने 235% का शानदार रिटर्न दिया है।
Suzlon vs IREDA
अब सवाल यह उठता है कि कौन सी कंपनी में निवेश करना ज्यादा लाभकारी हो सकता है? अगर आप एक ऐसे निवेशक हैं जो अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं, तो IREDA आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। IREDA का फोकस हाइड्रोजन और सोलर एनर्जी जैसी विभिन्न ग्रीन एनर्जी स्रोतों पर है, वहीं, अगर आप पवन ऊर्जा के क्षेत्र में विशेष रुचि रखते हैं और इस क्षेत्र में तेजी के कारण अपने निवेश से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो Suzlon एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
क्या करना होगा सही?
कुल मिलाकर, IREDA और Suzlon दोनों ही कंपनियां अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही हैं और दोनों ने अपने निवेशकों को अच्छे रिटर्न दिए हैं। अगर आपके पास पूंजी का अभाव है और आप सही कंपनी चुनने में असमंजस में हैं, तो इन दोनों कंपनियों के बिजनेस मॉडल और उनके भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश का निर्णय लेना समझदारी भरा कदम हो सकता है। आखिरकार, ग्रीन एनर्जी का भविष्य उज्ज्वल है और इसमें निवेश करने से आपके पोर्टफोलियो में हरियाली और मुनाफा दोनों आ सकते हैं!
4 thoughts on “Suzlon vs IREDA: कौन सा स्टॉक पोर्टफोलियो को बनाएगी हरा-भरा”